NIOS Free Solved Assignments (2019 - 2020): ENVIRONMENTAL STUDIES 333 HINDI MEDIUM


FOR MORE NOTES CONTACT: AMRIT SAH
CONTACT NO: 9085652867, 8638447739
 NIOS FREE SOLVED ASSIGNMENTS
ENVIRONMENTAL STUDIES - 333
1.(a) जीवों के जीवित रहने के लिए ताप का क्या महत्व है? कोई दो कारण दीजिए। 
उत्तर:- जीवों के जीवित रहने के लिए ताप का महत्व:-
(I) यह वातावरण आसपास के तापमान को नियंत्रित करने में सहायता करता है, जो जीवन को सहारा देने के लिए उपयुक्त है। 
(ii) पृथ्वी का औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस होता है। जीवित प्राणियों के जीवित रहने के लिए यही सबसे सुलभ तापमान है।

2.(b) सालों में मानव वस्तियों का विस्तार काफी तेजी से बढ़ा है। क्या आप मानेंगे कि इससे एक पारितंत्र का निर्माण हो रहा है और यह पारितंत्र किस प्रकार का है प्राकृतिक या फिर मानव जनित ? शहरी पारितंत्र की तीन सकारात्मक बातें बताइए। 
उत्तर:-शहरों में मानव वस्तियों का विस्तार काफी तेजी से बढ़ा है। इससे एक पारितंत्र का निर्माण हो रहा है और या पारितंत्र मानव जनित है शहरी जीवन वह जीवन है जिसमें बहुत सारे लोग साथ-साथ रहते हैं।वर्तमान में तो एक शहरी क्रांति सी दिखाई पड़ती है क्योंकि समस्त संसार में लोग नगरों और शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं 1800 ई. में विश्व की जनसंख्या का केवल 5 प्रतिशत ही शहरी आबादी थी 1985 में यह बढ़कर 2 बिलियन हो गई।वर्तमान में विश्व की कुल जनसंख्या का 45% सारी आबादी है 
शहरी पारितंत्र की तीन सकारात्मक बातें:-
(i) आर्थिक दृष्टि से सुविकसित ।
(ii) औद्योगिक वृद्धि के केंद्र।
(iii) व्यापार के केंद्र।


3.(a) इंदु हानिकारक ठोस अपशिष्टों नाम बताइये जिन के निष्कासन को आप अपने तरीके से नियंत्रित कर सकते हो। आपका यह प्रयास किस प्रकार से मृदा प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकता है? 
उत्तर:-उन दो हानिकारक ठोस अपशिष्टों के नाम प्लास्टिक थैलियां और कपड़ा। 
मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक थैलियों का उपयोग रोकना होगा। इसके स्थान पर कपड़े का या निम्न स्तर की सामग्री जैसे कागज आदि का प्रयोग करना होगा। ताकि सीवेज का प्रयोग उर्वरकों या भराव  के लिए करने से पूर्व अच्छी तरह उपचारित कर लेना चाहिए। घरों सें, खेती से निकलने वाले जैविक पदार्थ और अन्य चीजों को अलग -अलग छांट  लेना आवश्यक है जिससे वर्मिकम्पोस्टिंग हो सके। या एक लाभकारी उर्वरक को उप-उत्पाद की तरह उत्पन्न करता है। औद्योगिक कचरे को फेंकने से पहले हानिकारक पदार्थों को हटाने के लिए उचित रूप से उपचारित कर लेना चाहिए। जैव चिकित्सा संबंधी कूड़े को पृथक ही एकत्रित करना चाहिये और उचित रूप से जलाने वाले उपकरणों में भाषण कर देना चाहिए।

4.(a) ग्रामीण परिवेश से हमेशा लोग शहरी परिवेश में अच्छी जीवन शैली और उत्त्तरजीविता के लिए लगातार आते रहते हैं। उनके प्रवास के किन्हीं चार कारणों के बारे में लिखिए। अपने उत्त्तर के समर्थन में संक्षिप्त वर्णन भी कीजिए। 

उत्तर:-ग्रामीण परिवेश से हमेशा लोग साड़ी परिवेश में अच्छी जीवन शैली और उत्त्तरजीविता के लिए लगातार आते रहते हैं। उनके प्रवास के चार कारण निम्नलिखित हैं:-
(i) बेहतर अवसरों की तलाश में 
(ii) बेहतर जीवन-शैली के लिए 
(iii) अच्छी शिक्षा के लिए 
(iv) गरीबी दूर करने के लिए 

(i) बेहतर अवसरों की तलाश में:-हम जानते हैं कि की कृषि और शिल्प कला जैसे कुटीर उद्योग के आश्रित ग्राम में अन्य किसी व्यवसाय के सुअवसर नहीं मिलते जबकि शहरों में दूसरे व्यवसायों के लिए अनेकों मार्ग खुले हुए हैं। विद्यालयों में भी उपकरण नहीं हैं। विद्यालयों में भी उपकरण नहीं हैं और इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा के लिए भी संस्थान बहुत कम होते हैं। 
(ii) बेहतर जीवन शैली के लिए:- अंधविश्वास, सामाजिक बहिष्कार और आलोचना, प्रगतिशील गांव वालों को बढ़िया जीवन-शैली गुजारने से रोकते हैं इसलिये वे शहरों की ओर पलायन कर जाते हैं। इसके अतिरिक्त शहरों में व्यापार तथा आर्थिक विस्तार के साथ-साथ क्षेत्रीय विस्तार भी लगातार हो रहा है। 
(iii) अच्छी शिक्षा के लिए:- ग्रामीण परिवेश से हमेशा लोग शहरी परिवेश में अच्छी शिक्षा के लिए और व्यवहार के लिए भी आते हैं तथा अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा दीक्षा के लिए और भरण-पोषण के लिए भी आते हैं। 
(iv) गरीबी दूर करने के लिए:-अधिकतर गांव में गरीबी बड़े पैमाने पर फैली होती है और ग्रामीण काम करने के लिए नौकरी की तलाश में शहरों में आते हैं क्योंकि गांव में गरीबी, गुलामी का प्रचलन तथा बंधुआ अब मजदूरी पाई जाती हैं, ग्रामीण युवक इन बंधनों को तोड़कर शहर में भाग आते हैं। इन चार आकर्षित करने वाले प्रमुख कारणों के अलावा ग्रामीण यूरिया अकाल या प्राकृतिक आपदाओं के समय भी शहरों की ओर चले आते हैं।

5.(b) आई यू सी.एन.(IUCN) एक सरकारी नियंत्रण से मुक्त गैर सरकारी संगठन(NGO) है। हमारे पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर जूझने के लिए वह कैसे कार्य करती है। 
उत्तर:- आई यू सी.एन.(IUCN) एक सरकारी नियंत्रण से मुक्त गैर सरकारी संगठन(NGO) है। हमारे पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर जुड़ने के लिए वह कार्य करती है इनके चार कार्य निम्नलिखित हैं:- 
 (i) IUCN संरक्षण विज्ञान का समर्थन करता है खासकर प्रजातियों, पारिस्थितिकी तंत्रों, जैव विविधता एवं मानव आजीविका पर इनका प्रभाव किस प्रकार होगा इस पर विशेष ध्यान देता है।  
(ii) IUCN हजारों फील्ड प्रोजेक्ट पूरे विश्व में चलता है जिससे प्राकृतिक पर्यावरण का प्रबंधन अच्छी तरह से हो सके। 
(iii)IUCN सरकारों, NGO, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों,UN संगठनों, कंपनियों, एवं समुदायों का समर्थन करता है जिससे वे नीतियां एवं कानून बनाकर उनका अच्छी तरह क्रियान्वयन कर सकें। 
(iv)IUCN संगठनों को तैयार करके, उन्हें संसाधन मुहैया कराकर, लोगों को प्रशिक्षित करके तथा परिणामों की मॉनीटरिंग करके नियम, कानून तथा उनके क्रियान्वयन में मदद करता है।

6.(a) नीचे दी गई परियोजनाओं की सूची में से कोई एक परियोजना लगभग 500 शब्दों में तैयार कीजिए। आप पर्यावरणीय प्रदूषण की किसी भी प्रकार का (वायु /जला/मृदा/ताप आदि)कोज्वाइन कर लीजिए जिसके कारण प्रत्येक के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और आपके नजदीकी इलाके पर एक स्वास्थ्य संबंधी संकट उत्पन्न हो जाता है। 
आपने जी सिरसा का चयन किया है उसके बारे में जानकारी एकत्रित कीजिए। 
(i) प्रदूषण का नाम 
(ii) प्रदूषण के स्रोत 
(iii) पर्यावरण के साथ-साथ पेड़-पौधों जीवन जंतु और मनुष्य भी शामिल है, पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव। 
(iv) आप संबंधित जानकारी के समर्थन में फोटोग्राफ/डाटा/चित्र का भी उपयोग कर सकते हैं। 
(v) हम किस तराशे इस प्रदूषण में कमी ला सकते हैं। अपने सुझाव दीजिए 
(vi) आप अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट/फोटोग्राफ/डाटा/या अन्य कोई सामग्री जिसे आपने एकत्र दिए हो, केजरीवाल साथ दे सकते हैं। 

उत्तर:-प्रदूषण के नाम निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं  
(i) वायु प्रदूषण:- वायु प्रदूषण औद्योगिक गतिविधियों और कुछ घरेलू गतिविधियों के फल स्वरुप होता है। ताप संयंत्रों, जीवाश्म इंधन के निरंतर बढ़ते प्रयोग, उद्योगों, यातायात,खनन कार्य, भवन -निर्माण और पत्थरों की खुदाई से वायु -प्रदूषण होता है।वायु प्रदूषण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि वायु में किसी भी हानिकारक ठोस,तरल या गैस का, जिसमें ध्वनि और रेडियोधर्मी विकिरण भी शामिल है,इतनी मात्रा में मिल जाना जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव और अन्य जीव धारियों को हानिकारक रूप से प्रभावित करते हैं। 
(ii) ध्वनि प्रदूषण:- ध्वनि एक सबसे अधिक व्यापक प्रदूषक है।संगीतमय घड़ी दिन में मधुर लग सकती है परंतु रात को सोते समय तकलीफ दे सकती है। सोनू को इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं-"व्यर्थ की ध्वनि" या "कोई भी ऐसी ध्वनि जो सुनने वाले के लिए रुचिकर ना हो।"उद्योगों का शोर - जैसे पत्थरों का काटना और कुटना, स्टील को तड़पा कर पीटना, लाउडस्पीकर, अपना सामान बेचने के लिए विक्रेता का चिल्लाना, भारी परिवहन वाहनों के चलने से,रेलगाड़ियां और हवाई जहाज आदि कष्टदायक ध्वनि उत्पन्न करते हैं। 
(iii) जल- प्रदूषण:- जल प्रदूषण एक सबसे गंभीर पर्यावरणीय समस्या है।जल प्रदूषण मानव की अनेक गतिविधियों के कारण होता है जैसे औद्योगिक, कृषि और घरेलू कारणों से होता है। कृषि का कूड़ा-कचरा जिसमें रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक मिले होते हैं। औद्योगिक के साथ-साथ विषालु पदार्थों का मिलना, मानव और जानवरों का निष्कासित मल जल सभी जल -प्रदूषण का कारण है।जल -प्रदूषण के प्राकृतिक कारणों में मृदा अपरदन चट्टानों से खनिजों का रिसाव और जैव पदार्थों का सरना निहित है।  
(iv) मृदा प्रदूषण:- मृदा की गुणवत्ता और इसकी उर्वरक शक्ति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाले किसी भी पदार्थ का भूमि में मिलना "मृदा प्रदूषण" कहलाता है। प्राय: जल भी भूमि को प्रदूषित करने वाला एक प्रदूषक है। प्लास्टिक, कपड़ा, ग्लास, धातु और जैव पदार्थ, सीवेज, सीवेज गाद, निर्माण का मलबा, ऐसा कोई भी ठोस कूड़ा जो घरों, व्यवसायों और औद्योगिक संस्थानों से निकलता है मृदा प्रदूषण में वृद्धि करता है।


0/Post a Comment/Comments

Kindly give your valuable feedback to improve this website.